Wednesday 5 August 2015

सातवें वेतन आयोग में बढ़ेगी 40 फीसदी सैलरी: News

सातवें वेतन आयोग कीं रिपोर्ट जल्द सरकार को पेश कर दी जाएगी,  आयोग की सिफारिशें अगले साल  से लागू की जा सकती है।


सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार का तोहफा, बढेगी 40 फीसदी सैलेरी।


नई दिल्ली:- केंद्रीय सरकारी कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट 3 1 अक्टूबर तक पेश हो जाएगी । माना जा रहा है कि इस बार की सिफारिशों के बाद सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 3 0 - 40 फीसदी तक बढोत्तरी हो सकती है। आयोग की सिफारिशें अगले साल से लागू की जा सकती हैं । भारतीय मिडिल क्लास का एक तिहाई हिस्सा सरकारी कर्मचारी है और सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट से भारतीय बाजार पर भी बहुत फर्क पड़ता है।

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागु होने के बाद जहाँ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बढोत्तरी होगी, वहीं जल्द ही राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन में भी बढोत्तरी होने के उम्मीद है । गुजरात और मध्य प्रदेश की सरकार ने इस और इशारा कर दिया है कि वो जनवरी 2016 से ही अपने कर्मचारियो के वेतन में बढोत्तरी कर सकती हैं। 

सूत्रों की मानें तो अगले साल तक सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढने की उम्मीद के चलते कई इनवेस्टर्स कार बाजार जैसे उद्योग में पैसा लगाने का मन बना रहे हैं । ऐसा देखा गया है कि पिछली बार वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद कार बाजार में 18 फीसदी तक की बढोत्तरी हो गई थी । एक जनवरी 20 16 से लागू होने वाले सातवें वेतन आयोग का लाभ 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 30 लाख पेंशनर्स को मिलने वाला है। 

पांचवे व छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को देखते हुए सातवां वेतन आयोग लागू होने पर कर्मचारियों के मूल वेतन में 40 से 50 प्रतिशत तक की बढोतरी हो सकती है। पांचवें वेतन आयोग के बाद कर्मचारियों के मूल वेतन में करीब 50 प्रतिशत के बढोतरी हुई थी। जबकि छठे वेतन आयोग में ये वृद्ध‍ि न्यूनतम 40 प्रतिशत थी । सातवां वेतन आयोग लागू करने के लिए राज्य सरकारें केंद्र से आर्थिक मदद की मांग भी कर रही है । क्योंकि इतना तो निश्चित है कि सातवाँ वेतन आयोग केद्र और राज्य सरकारों पर वित्तीय बोझ डालने वाला है । सातवाँ वेतन आयोग भी पिछले आयोगों के तरह मिलती जुलती बढ़त ही देने वाला है।  

केद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नए वेतन आयोग में बेसिक वेतन 26000 रूपए मासिक करने का आग्रह किया गया है लेकिन खबर है कि जस्टिस अशोक कुमार माथुर के अध्यक्षता वाला सातवां वेतन आयोग इतना मासिक वेतन देने के लिए केंद्र सरकार को नहीं कहने वाला है। अभी सबसे छोटे कर्मचारी का बेसिक वेतन 7000 रुपए है. महंगाई के मद्देनजर वेतन में यह छलांग साढे तीन गुना से ज्यादा मांगी गई है।  कर्मचारियों के लिए खुशखबरी यह है कि सातवां वेतन आयोग यह जरूर ध्यान रखेगा कि छोटे-बड़े कर्मचारियों के वेतन वृद्धि एक समान प्रतिशत में की जाए. पिछला वेतन आयोग कई मामलों में बहुत अच्छा रहा था लेकिन उसमे यह विसंगति रह गई थी कि किसी पद को 5% की वेतन वृद्धि मिल गई थी और किसी को उससे कम।


Read more: http://www.staffnews.in/2015/08/40-percent-salary-seventh-pay-commission.html#ixzz3htuepemS
Under Creative Commons License: Attribution Share Alike 

No comments:

Post a Comment