सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट अगस्त महीने के दुसरे हफ्ते तक आने का अनुमान, कई नयी चीजे देखने को मिल सकती है वेतन आयोग को रिपोर्ट में
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सातवाँ वेतन आयोग करेगा मायूस, उम्मीद से कम वेतन बढ़ने के आसार, महंगाई को दिया दरकिनार
- न्यूनतम वेतन 7 हजार से 26 हजार करने में हिचकिचाहट
- छोटे कर्मचारी और कैबिनेट सचिव के वेतन में रहेगा बड़ा अंतर
- कर्मचारी छठे वेतन आयोग जैसा इसे लुभावना न समझें
नई दिल्ली। वस्तुओं के जो बाजार भाव सातवें वेतन आयोग ने जमा किए हैं, उसके चलते नया वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग जैसा लुभावना नहीं रहेगा । बताया जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग को बाजार में वैसी महंगाई नहीं दिखाई दे रही है, जैसी कि वास्तविकता में है। पिछले वेतन आयोग ने बाजार में महंगाई पर काबू पाने में सरकार की नाकामी के चलते कर्मचारियों के भत्तों में जबर्दस्त इजाफा किया था । कर्मचारियों के वेतन में पौने दो गुना तक की बढोतरी हुई थी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नए वेतन आयोग में बेसिक वेतन 26000 रुपये मासिक करने का आग्रह किया गया है लेकिन खबर है कि जस्टिस अशोक कुमार माथुर की अध्यक्षता वाला सातवां वेतन आयोग इतना मासिक वेतन देने के लिए केंद्र सरकार को नहीं कहने वाला है । अभी सबसे छोटे कर्मचारी का बेसिक वेतन 7000 रुपए है। महंगाई के मद्देनज़र वेतन में यह छलांग साढे तीन गुना से ज्यादा मांगी गई है। इसी प्रकार से कैबिनेट सचिव और सबसे छोटे कर्मचारी के वेतन के बीच फासला 1 : 8 (एक अनुपात आठ) रखने की मांग है। खबर है कि सातवां वेतन आयोग इसे भी नहीं मानने जा रहा है। अभी कैबिनेट सचिव और सबसे छोटे कर्मचारी के वेतन में 1:12.5 (एक अनुपात साढे बारह) का अंतर है।
कर्मचारियों के लिए खुशखबरी यह है कि सातवां वेतन आयोग यह जरूर ध्यान रखेगा कि छोटे-बड़े कर्मचारियों के वेतन वृद्धि एक समान प्रतिशत में की जाए । पिछला वेतन आयोग कई मामलों में बहुत अच्छा रहा था लेकिन उसमें यह विसंगति रह गई थी कि किसी पद को 5% के वेतनवृद्धि मिल गई थी और किसी को उससे कम ।
सबसे छोटे कर्मचारी के लिए बेसिक वेतन 26000 रुपये करने की मांग करने वाले मज़दूर संगठनों का तर्क यह है कि अभी उन्हें 7000 बेसिक और 113% डीए मिलाकर (इसमें मोदी सरकार से मिली 6 % के बढोतरी भी शामिल की जानी है) 15 हजार रुपये से ज्यादा मिल रहे हैं । इसलिए बेसिक वेतन 26 हजार करना ज्यादा बडी़ बढोतरी नहीं है । उनका यह भी कहना है कि सातवें वेतन आयोग ने बाजार में वस्तुओ के जो भाव जमा किए हैं, वो पुराने हैं और थोक बाजार से जमा किए है बताया यह भी जा रहा है कि गेंहू, चावल, दाल के भाव काफी ऊपर चढे़ हुए हैं । इन दलीलों का असर सातवें वेतन आयोग पर होगा, अभी कहना मुश्किल है।
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